
शुगर फ्री टैबलेट मधुमेह बीमारी से ग्रस्त लोगों द्वारा साधारण चीनी के स्थान पर प्रयोग की जाती है। ऐसे में क्या आप भी अपने खाने-पीने की चीजों में आर्टिफिशियल स्वीटनर यानि कि कृत्रिम मिठास के इस्तेमाल के आदी हैं। अगर हां तो अब आपको संभल जाने की जरूरत है। शुगर फ्री टैबलेट स्वाद में तो मीठा होता है लेकिन इसमें कैलोरी नहीं होती है। यही वजह है कि मधुमेह रोगियों द्वारा इसका इस्तेमाल तेजी से किया जाता है। लेकिन चिकित्सकों की मानें तो इन टैबलेट्स का प्रयोग एक निश्चित सीमा में ही किया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि एक शोध के मुताबिक कृत्रिम मिठास के प्रयोग से मधुमेह, हाई ब्लडप्रेशर और दिल संबंधी बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसके अलावा इसके इस्तेमाल से वजन बढ़ने और मोटापे की चपेट में आने की भी संभावना होती है। ये सारी चीजें आगे चलकर गंभीर दिल संबंधी बीमारियों का कारण बन सकती हैं।
डब्ल्यूएचओ (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में लगभग 400 मिलियन लोग इस बीमारी का शिकार हैं। इस खतरनाक बीमारी में इंसुलिन लेवल असंतुलित हो जाता है। कनाडा की मानिटोबा यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए शोध के मुताबिक आर्टफिशल स्वीटनर का पाचन क्रिया पर विपरीत असर पड़ता है। साथ ही आंतों में मौजूद बैक्टीरिया पर नकारात्मक असर भी डालता है जिससे भूख लगने की आदत प्रभावित होती है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि स्वस्थ रहने के मकसद से लोग चीनी की जगह आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करते हैं। उनको यह नहीं पता होता है कि इसका प्रयोग मोटापे और दिल संबंधी बीमारियों को न्यौता दे सकता है। शोध में शामिल लोगों का कहना है कि आजकल काफी मात्रा में प्रयोग में लाए जा रहे कृत्रिम मिठासों में एस्पार्टेम, सुक्रलोज और स्टेविया जैसे तत्व शामिल होते हैं।
शुगर फ्री पिल्स के साइड इफेक्ट
कृत्रिम शुगर का लंबे समय तक प्रयोग आपको कैंसर जैसे रोग प्रदान कर सकता है। शुगर फ्री से वजन कम नहीं होता, लेकिन तमाम शुगर फ्री का सेवन आपकी भूख पर भी प्रभाव डालता है। इससे आपका मेटाबॉलिज्म भी धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसके अधिक सेवन से नींद न आना, घबराहट ,चिड़चिड़ापन, सिर में दर्द या जोड़ों में दर्द जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं।